दुमका बंदोबस्त कार्यालय का महाघेराव, भ्रष्टाचार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- 2 days ago
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दुमका। झारखंड राज्य किसान सभा दुमका एवं आदिवासी अधिकार मंच दुमका के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को बंदोबस्त कार्यालय, दुमका के समक्ष भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, दलाली और बिचौलियागिरी के खिलाफ जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय को भ्रष्टाचार का केंद्र बताते हुए जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शन में पदाधिकारियों, कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग कर्मियों और कथित दलालों की मिलीभगत के खिलाफ तीखा आक्रोश देखने को मिला। बंदोबस्त पदाधिकारी की अनुपस्थिति में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को आठ सूत्री मांगपत्र सौंपा गया।

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नेताओं का तीखा हमला, प्रशासन पर गंभीर आरोप
सभा को संबोधित करते हुए सीपीएम राज्य सचिव मंडल सदस्य कॉमरेड एहतेशाम अहमद ने बंदोबस्त कार्यालय को “भ्रष्टाचार, लूट, रिश्वतखोरी और बिचौलियागिरी का बड़ा अड्डा” बताया। उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन के दौरान सेटलमेंट ऑफिसर का कार्यालय छोड़ देना प्रशासन की गरीब रैयतों और आम लोगों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
नेताओं का आरोप है कि पदाधिकारी, कर्मचारी, आउटसोर्सिंग स्टाफ और भू-माफियाओं की सांठगांठ से वास्तविक रैयतों की जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की जा रही है। पैसे के दम पर खतियान और पर्चा में नाम चढ़ाना आम बात हो गई है।
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आठ सूत्री मांगें: रैयतों को न्याय दिलाने की मांग
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं—
• भूमि मामलों में समयबद्ध आदेश पारित करना
• 15 दिनों के भीतर सत्यापित प्रति उपलब्ध कराना
• सभी शिविर न्यायालयों की सुनवाई दुमका मुख्यालय में कराना
• दशकों से लंबित सर्वे कार्य छह माह में पूरा करना
• फाइनल पर्चा निर्गत करना
• अवैध रूप से कब्जाई गई जमीन मूल रैयतों को लौटाना
• बंदोबस्त कार्यालय में रिक्त पदों पर नियमित बहाली
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आंदोलन और तेज करने की चेतावनी
नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि बंदोबस्त कार्यालय की कार्यप्रणाली में शीघ्र सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आम रैयतों की जमीन और अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष सड़क से सदन तक जारी रहेगा।








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