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धावादल ने लगातार दूसरे दिन भी किया चार बालकों को रेस्क्यू बाल श्रम कराना कानूनन अपराध- एलईओ


विद्यालय समयावधि में अपने बच्चों से भी स्वयं के प्रतिष्ठान में कार्य कराना नियमानुकूल नहीं, बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत है अपराध - डीसीपीओ


दुमका। 13 जून कोे श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी गीता कुमारी की अध्यक्षता में गठित धावदल द्वारा जरमुंडी थाना क्षेत्रांतर्गत बासुकीनाथ मन्दिर परिसर, जरमुंडी बाजार एवं नोनीहाट चौंक स्थित होटलों, ढाबों, गैरेजों एवं विभिन्न प्रतिष्ठानों में बाल श्रम कराये जाने वाले नियोक्ता के विरुद्ध रेस्क्यू अभियान किया गया। एलईओ गीता कुमारी ने बताया कि धावदल ने कुल चार बालकों को बाल श्रम कराते हुए रेस्क्यू किया है।

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चन्द्र ने बताया बाल श्रम कराना कानूनन अपराध है। 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों से विद्यालय समयावधि में नियोक्ता द्वारा स्वयं के प्रतिष्ठान में कार्य कराना नियमानुकूल नहीं है। बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत नियोक्ता द्वारा बाल श्रम नहीं कराया जा सकता है।

बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ० राजकुमार उपाध्याय ने कहा कि बाल श्रम से मुक्त कराये गये प्रस्तुत बालकों को किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत बाल श्रम की श्रेणी में सीएनसीपी घोषित कर तीन बालकों को आवश्यक कार्रवाई कर अंडरटेकिंग लेकर बालक के अभिभावक को सुपुर्द कर दिया गया है एवं शेष एक बालक को अगले आदेश तक के लिए बाल गृह (बालक) श्रीअमडा में आवासित किया गया है।

रेस्क्यू टीम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चन्द्र, श्रम विभाग से श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी गीता कुमारी, मो० ताज, संतोष कुमार, बाल संरक्षण कार्यालय से निक्कू कुमार साह, संजू कुमार, पवन कुमार मंडल, सुनीता मरांडी, डिस्ट्रिक्ट प्रॉजेक्ट एसोसिएट अमलेश कुमार,ग्राम साथी से देवानंद कुमार, तारा प्रसाद, ज्योति चौधरी, रोजी दास, रेणु सोरेन एवं ग्राम ज्योति से मुकेश कुमार दुबे शामिल थे।

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