हॉस्पिटल चोरी के मामले में मंत्री इरफान अंसारी और विधायक प्रदीप यादव आमने-सामने
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- 1 day ago
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दुमका के हंसडीहा हॉस्पिटल में चोरी पर बढ़ा राजनीतिक तूफान
दुमका के हंसडीहा हॉस्पिटल में करोड़ों रुपये मूल्य के स्वास्थ्य उपकरणों की चोरी ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया, लेकिन असली तूफान तब उठा जब यह मामला विधानसभा तक जा पहुंचा। पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने सदन में जोरदार ढंग से मुद्दा उठाते हुए स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था कि इतनी बड़ी चोरी बिना विभागीय मिलीभगत के संभव ही नहीं है।

विधायक ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप
विधायक के अनुसार हॉस्पिटल वर्षों से बंद पड़ा था, और बार-बार मांग करने के बावजूद विभाग ने उदासीनता दिखाई। उन्होंने दर्द व्यक्त किया कि अगर हॉस्पिटल को शुरू कर दिया गया होता, तो चोर एक-एक पुर्जा तक उखाड़कर नहीं ले जा पाते।

विधायक ने की दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
प्रदीप यादव ने सदन में साफ कहा कि विभागीय स्तर पर जो भी जिम्मेदार हों, चाहे अधिकारी हों या कर्मचारी, उन पर कठोर कार्रवाई होनी ही चाहिए। उनके शब्दों में रोष के साथ-साथ इस अस्पताल को लेकर वर्षों से उठती रही उनकी व्यथा भी झलक रही थी।

मंत्री ने कहा चोरी के गलत आकलन के लिए माफी मांगे विधायक
विधानसभा में मुद्दा उठाने पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने तीखा पलटवार करते हुए प्रदीप यादव के बयान को भ्रामक बताया। मंत्री ने कहा कि चोरी की सही जानकारी उनके पास मौजूद विभागीय रिपोर्ट में दर्ज है, जिसके अनुसार लगभग एक करोड़ रुपये के उपकरण चोरी हुए हैं, जबकि विधायक 25 करोड़ रुपये की चोरी का दावा कर सदन को गुमराह कर रहे हैं। मंत्री अंसारी ने यह भी कहा कि प्रदीप यादव को यह मुद्दा सदन में उठाने से पहले उनसे सीधे बात करनी चाहिए थी। उन्होंने विधायक से गलत आंकड़े पेश करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग कर दी।

जनप्रतिनिधि होने के नाते प्रदीप यादव जवाबदेही ले : मंत्री
इतना ही नहीं, मंत्री ने यह भी कहा कि चोरी जिस क्षेत्र में हुई, उसके जनप्रतिनिधि होने के नाते प्रदीप यादव को भी अपनी जवाबदेही लेनी चाहिए। दोनों नेताओं के तीखे आरोप-प्रत्यारोप ने इस चोरी को सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं रहने दिया, बल्कि इसे राजनीतिक प्रतिष्ठा, जिम्मेदारी और सत्यता की टकराहट में बदल दिया। हंसडीहा हॉस्पिटल की दीवारों के भीतर से शुरू हुआ यह मामला अब राज्य की राजनीति तक गूंज रहा है।




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