मिठाई की जगह मां ने चीनी खिलाकर बेटी का किया मुंह मीठा
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- Jul 25
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पहाड़िया समुदाय की एक बेटी ने पास की जेपीएससी परीक्षा, बनेगी अधिकारी
दुमका। उप राजधानी दुमका की आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय की एक बेटी ने जेपीएसी द्वारा आयोजित झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। सदर प्रखंड के आसनसोल (हवाईअड्डा के पास) की रहने वाली बबीता सिंह ने 337वीं रैंक हासिल कर झारखंड प्रशासनिक सेवा की अधिकारी बनी है। बबीता के पिता एक प्राइवेट स्कूल में हेल्पर के रूप में कार्यरत है जबकि मां गृहणी है। 4 भाई बहन में बबीता सबसे बड़ी है। जेपीएससी का परिणाम आने पर घर में मिठाई खरीदने के भी पैसे नहीं थे, इसलिए मां ने चीनी खिलाकर बबीता का मुंह मीठा करवाया।

सेल्फ स्टडी व ऑन लाईन स्टडी को दिया श्रेय
बबीता की सफलता साबित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति से विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है। बबीता ने अपनी सफलता का श्रेय किसी कोचिंग या शिक्षक को नहीं, बल्कि अपनी सेल्फ-स्टडी को दिया। यू ट्यूब के सहारे उसने अपनी तैयारी की। मैट्रिक से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई उसने दुमका में ही पूरी की और एसपी कॉलेज से बीए पास किया।

बबीता से छोटे भाई बहनों की हो चुकी है शादी
बबीता चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। जब घर वालों ने बबीता पर शादी का दबाव बनाया, तो बबीता ने स्पष्ट कहा कि जब तक वह पढ़-लिखकर कुछ बन नहीं जाती, शादी नहीं करेंगी। उनके सभी भाई-बहनों की शादी हो गई, लेकिन बबीता अपने लक्ष्य पर अडिग रहीं। बबीता बताती हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए वह नियमित रूप से 5 से 6 घंटे पढ़ाई करती थी। उनका मानना है कि लक्ष्य कितना भी बड़ा क्यों न हो, कठिन परिश्रम और लगन से उसे हासिल किया जा सकता है. उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए यूट्यूब और गूगल का सहारा लिया। बबीता ने अपने समुदाय विशेषकर आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय की शिक्षा के प्रति चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस समुदाय में शिक्षा का अभाव है और नशे का प्रचलन काफी है, जिससे युवा पीढ़ी शिक्षा से वंचित रह जाती है। बबीता ने कहा कि पहाड़िया समुदाय के लोगों को समझना होगा कि शिक्षा ही वह सशक्त हथियार है, जिसके बल पर वे सब कुछ हासिल कर सकते हैं।
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