न्याय केवल अदालतों तक सीमित न रहे : मुख्य न्यायाधीश
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- 3 hours ago
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दुमका में स्टेट लेवल लीगल सर्विसेज कम एंपावरमेंट कैंप का आयोजन
दुमका। दुमका स्थित कन्वेंशन सेंटर में स्टेट लेवल लीगल सर्विसेज कम एंपावरमेंट कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री तरलोक सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने यहीं से पूरे राज्य में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का ऑनलाइन उद्घाटन किया।

आम नागरिकों के जीवन में महसूस होना चाहिए न्याय
अपने संबोधन में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्याय केवल न्यायालयों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसकी अनुभूति आम नागरिकों के दैनिक जीवन में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा एवं सशक्तिकरण शिविरों के माध्यम से न्यायपालिका समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने का प्रयास कर रही है, ताकि समानता, गरिमा और न्याय तक सरल एवं सहज पहुँच सुनिश्चित की जा सके।

लोक अदालत और विधिक सहायता से बढ़ता सामाजिक सौहार्द
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत, विधिक सहायता और सुलह-समझौते जैसे मंच न केवल विवादों का समाधान करते हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और आपसी विश्वास को भी मजबूत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि विधिक सेवाएँ अब केवल निःशुल्क कानूनी सहायता तक सीमित नहीं रहकर नागरिकों के समग्र सशक्तिकरण का प्रभावी माध्यम बन चुकी हैं।

कई योजनाओं के लाभुकों को किया गया लाभान्वित
कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों को लाभान्वित किया गया। मोटर दुर्घटना दावा, क्षतिपूर्ति राशि, अबुआ स्वास्थ्य कार्ड, अबुआ आवास योजना, दीदी की दुकान योजना, पशुधन विकास योजना, कुक्कुट पालन योजना, सामुदायिक वन अधिकार पट्टा, पेंशन तथा ग्रीन राशन कार्ड सहित कई योजनाओं के तहत सहायता वितरित की गई।

विभिन्न विभागों के स्टॉलों का किया गया निरीक्षण
कार्यक्रम के उपरांत मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान योजनाओं की जानकारी ली गई और मौके पर उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की सराहना की गई।

उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश रहे उपस्थित
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद, झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आनंद सेन तथा झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश एवं दुमका न्यायमंडल के प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव भी शामिल हुए।








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