दुमका में स्कूल जा रहे मासूमों से भरी कार दुर्घटनाग्रस्त, एक दर्जन बच्चे घायल
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- Nov 27
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प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया नशा में था चालक, तेजी व लापरवाही से हुआ हादसा
दुमका में गुरूवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया, जब लिटिल स्टेप्स पब्लिक स्कूल, बंदरजोरी, न्यू कुसुमडीह के बच्चों को लेकर जा रही एक मारूती कार अचानक अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह घटना गिधनी के बागडूबी फुटबॉल मैदान के सामने हुई, जहाँ सड़क के मोड़ पर वाहन संतुलन खो बैठा और दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें कार के आगे का सीशा टूट गया और कार में सवार एक दर्जन से अधिक मासूम बच्चे घायल हो गये। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मारूती वैन का चालक शराब पीये हुआ था और नशा में तेजी व लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण यह हादसा हुआ।

स्थानीय लोगों ने बच्चों को कार से बाहर निकाला
दुमका। कार में करीब एक दर्जन से अधिक बच्चे सवार थे, जो सभी स्कूल जा रहे थे। हादसे के बाद बच्चों के चीखने-रोने की आवाज़ से आसपास के लोगों का ध्यान इस ओर गया। घटना इतनी जोरदार थी कि कई बच्चे घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सहायता शुरू की और घायल बच्चों को गाड़ी से निकाला, उनका प्राथमिक उपचार किया तथा बच्चों के अभिभावकों को सूचना दी। यह घटना दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में हुई है।

दुर्घटना से अफरातफरी, अभिभावकों में दहशत
दुमका। घटना की सूचना जैसे ही अभिभावकों तक पहुंची, उनमें हड़कंप मच गया। अस्पताल और घटना स्थल पर अभिभावकों की भीड़ लग गई। कई अभिभावक भावुक होकर अपने बच्चों की स्थिति जानने के लिए बेचैन दिखाई दिए। लोगों का आरोप है कि स्कूल वैन के चालक भेंड़ बकरियों की तरह बच्चों को गाड़ी पर लाद लेते हैं और फुल स्पीड में गाड़ी चलाते हैं।

स्कूल वाहन सुरक्षा पर उठे बड़े सवाल
दुमका। यह हादसा एक बार फिर स्कूल वाहन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। रोड सेफ्टी कमिटि की बैठक में हर बार स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहनों और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करवाने की बात की जाती है जैसा कि बुधवार को हुए बैठक में भी किया गया पर पूरी चर्चा स्कूल बस तक ही सीमित रह जाती है जबकि सच्चाई यह है कि बड़ी संख्या में चार पहिया वाहनों से बच्चों को स्कूल पहुंचाया जाता है। सवाल है कि क्या स्कूल प्रबंधन वाहन की नियमित जांच करता है? क्या चालक प्रशिक्षित और ज़िम्मेदार है?
क्या बच्चों को रोज़ाना सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा रही है?

प्रशासन कब लेगा कड़ा एक्शन?
दुमका। स्कूल वाहनों से जुड़े हादसे बढ़ रहे हैं, लेकिन सख्त कार्रवाई कहीं नज़र नहीं आती। मासूम बच्चों की जान आखिर कितनी सस्ती है? यह घटना प्रशासन और स्कूल प्रबंधन के लिए चेतावनी है कि अब सिर्फ बयान नहीं, बल्कि कड़ाई से पालन और निगरानी की जरूरत है। जरूरत है सुधार की, नहीं तो हादसे दोहराए जाएंगे। इस तरह की दुर्घटनाएं तब तक जारी रहेंगी, जब तक कि स्कूल वाहनों की फिटनेस की अनिवार्य जांच नहीं होगी। चालकों की बैकग्राउंड चेक और प्रशिक्षण अनिवार्य नहीं होगा और प्रशासनिक स्तर पर निगरानी मजबूत नहीं होगी।









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