दुमका में एनसीसी अधिकारियों एवं केयर टेकर्स सम्मेलन का आयोजन
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- Nov 8
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एनसीसी रूम को सूचना कक्ष के रूप में विकसित करने पर बल
दुमका। दुमका में आयोजित एक दिवसीय एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर्स एवं केयर टेकर्स सम्मेलन में सन्थाल परगना के दुमका, देवघर, जामताड़ा, गोड्डा और पाकुड़ जिलों के एनसीसी अधिकारियों एवं केयर टेकर्स ने भाग लिया। सम्मेलन की अध्यक्षता कर्नल अनिल यादव, कमांडिंग ऑफिसर, 4 झारखंड गर्ल्स बटालियन, दुमका ने की। उन्होंने एनसीसी रूम को सूचना कक्ष के रूप में विकसित करने, रजिस्टरों के नियमित संधारण, रिफ्रेशर कोर्स में भाग लेने और कैडेटों को “आपदा मित्र योजना” में जोड़ने पर बल दिया। कर्नल यादव ने अधिकारियों और केयर टेकर्स को निर्देश दिया कि वे आगामी प्रमाणपत्र परीक्षाओं (।, ठ और ब्) के लिए कैडेटों की तैयारी अभी से आरंभ करें ताकि वर्ष 2026 की शुरुआत में होने वाली परीक्षाओं में सभी कैडेट उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि नियमित प्रशिक्षण और समय पर पाठ्यक्रम की पुनरावृत्ति से ही श्रेष्ठ परिणाम संभव हैं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय कैडेट कोर सांग के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुआ, जहाँ सभी प्रतिभागियों को एनसीसी संबंधी पुस्तिका और पॉकेट कार्ड प्रदान किए गए।

“एनसीसी अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्रसेवा की भावना सिखाने का माध्यम” - कर्नल यादव
दुमका। अपने संबोधन में कर्नल अनिल यादव ने कहा कि एनसीसी केवल एक संगठन नहीं, बल्कि युवाओं को अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्रसेवा की भावना सिखाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपील की कि प्रत्येक संस्थान अपने एनसीसी रूम को सूचना कक्ष (प्दवितउंजपवद त्ववउ) के रूप में विकसित करें, जहाँ सभी एनसीसी गतिविधियों, नोटिसों और रिकार्ड्स को सुव्यवस्थित रूप से रखा जाए। उन्होंने कहा कि हर कैडेट को अपनी वर्दी पर गर्व होना चाहिए और उन्हें समाज में युवा ब्रांड एम्बेसडर के रूप में कार्य करना चाहिए।

आपदा मित्र योजना में कैडेटों की भागीदारी पर बल
दुमका। कर्नल यादव ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने कैडेटों को “आपदा मित्र योजना” में स्वैच्छिक भागीदारी के लिए प्रेरित करें, जिससे वे किसी भी प्राकृतिक या मानवजनित आपदा की स्थिति में प्रशिक्षित राहतकर्मी के रूप में अपनी भूमिका निभा सकें। उन्होंने कहा, “यदि एनसीसी कैडेट आपदा राहत में प्रशिक्षित हो जाएं, तो वे अपने क्षेत्र में सैकड़ों लोगों की जान बचा सकते हैं।” उन्होंने कहा कि एनसीसी का वास्तविक उद्देश्य केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के कमजोर वर्गों की सेवा और सामुदायिक विकास के प्रति समर्पण की भावना को भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि कैडेटों को ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सामाजिक कार्यों में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे वे परिवर्तन के वाहक बन सकें।

ब्रिगेडियर गोपिकृष्णन का वीडियो संदेश
दुमका। ब्रिगेडियर एस. गोपिकृष्णन, सेना पदक, समूह कमांडर, एनसीसी समूह हजारीबाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने एनसीसी अधिकारियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि एनसीसी एक ऐसा मंच है जो युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को मजबूत करता है। उन्होंने सभी से अधिक उत्साह और समर्पण के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

प्रमाणपत्र परीक्षाओं की तैयारी के निर्देश
उन्होंने अधिकारियों और केयर टेकर्स को निर्देश दिया कि वे आगामी प्रमाणपत्र परीक्षाओं के लिए कैडेटों की तैयारी अभी से आरंभ करें ताकि वर्ष 2026 की शुरुआत में होने वाली परीक्षाओं में सभी कैडेट उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि नियमित प्रशिक्षण और समय पर पाठ्यक्रम की पुनरावृत्ति से ही श्रेष्ठ परिणाम संभव हैं।

रचनात्मक सुझाव और सम्मेलन का समापन
सम्मेलन के अंतिम चरण में संथाल परगना क्षेत्र में एनसीसी के समग्र विकास हेतु सुझाव आमंत्रित किए गए। उपस्थित अधिकारियों ने प्रशिक्षण शिविरों की संख्या बढ़ाने, संस्थागत सहयोग को सुदृढ़ करने और डिजिटल मॉनिटरिंग प्रणाली लागू करने जैसे सुझाव प्रस्तुत किए।









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