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दुमका के बंदोबस्त कार्यालय में भ्रष्टाचार के विरोध में उग्र प्रदर्शन

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दुमका/ बंदोवस्त कार्यालय, दुमका में कई वर्षों से जारी भ्रष्टाचार, पर्चा निर्गमन में विलंब और सत्यापित कॉपी उपलब्ध कराने में मनमानी के विरोध में गुरुवार को किसान तथा आदिवासी संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव कॉ. एहतेशाम अहमद के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता बंदोवस्त कार्यालय परिसर पहुंचे और धरना देकर अपनी मांगे प्रशासन के समक्ष रखीं।

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किसान सभा और आदिवासी अधिकार मंच की संयुक्त पहल

यह धरना कार्यक्रम किसान सभा एवं आदिवासी अधिकार मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में किसान सभा के जिला सचिव सनातन देहरी, पीटर हेंब्रम, जिला सचिव देवी सिंह पहाड़िया, जिलाध्यक्ष भागवत राय, तथा आदिवासी अधिकार मंच के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष सुभाष हेंब्रम समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण और रैयत शामिल हुए।

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बीओ (संथाल परगना) से मिला प्रतिनिधिमंडल, सौंपा 6 सूत्री मांगपत्र

धरना समाप्त होने के बाद कॉ. एहतेशाम अहमद के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने जिला बंदोबस्त पदाधिकारी (संथाल परगना), दुमका से मुलाकात की। शिष्टमंडल ने 6 सूत्री मांगपत्र सौंपते हुए बंदोवस्त कार्यालय की अनियमितताओं को दूर करने और रैयतों की समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की मांग की।

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सरकार को चेतावनी - कार्रवाई न हुई तो आंदोलन और तेज होगा

किसान सभा और आदिवासी अधिकार मंच ने कहा कि बंदोवस्त कार्यालय में भ्रष्टाचार और फाइलों में देरी से रैयतों को भारी परेशानी हो रही है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तय समय सीमा में कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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मुख्य मांगें

1. सत्यापित कॉपी 15 दिनों में उपलब्ध कराने की गारंटी

शिविर न्यायालय के आदेश के 15 दिनों के भीतर तथा किसी भी रैयत/अधिवक्ता/लिपिक के आवेदन पर समयबद्ध रूप से सत्यापित कॉपी उपलब्ध कराई जाए।

2. सभी शिविर न्यायालयों की सुनवाई जिला मुख्यालय में

जिले में चल रहे सभी शिविर न्यायालयों की सुनवाई को जिला मुख्यालय में कराने की व्यवस्था सुनिश्चित हो, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

3. संथाल परगना का लंबित सर्वे 6 माह में पूरा हो

संप क्षेत्र का सर्वे 50 वर्षों से लंबित है। प्रतिनिधिमंडल ने 6 महीने के भीतर सर्वे कार्य पूरा करने और इसकी गारंटी रैयतों को देने की मांग उठाई।

4. तसदीक हुए मौजों में नोट फाइनल पर्चा तैयार कर तुरंत पर्चा निर्गत

जिन मौजों का तसदीक पूरा हो चुका है, उनके नोट फाइनल पर्चा में जमाबंदी नंबर दर्ज कर अविलंब पर्चा निर्गत किया जाए।

5. 1872 के नियम के तहत हड़पी जमीन की वापसी

सेटलमेंट रेगुलेशन 1872 की धारा 25(3)(4) के अनुसार पुराने सर्वे में हड़पी गई जमीन को वास्तविक रैयतों के वारिसों को वापस करने की प्रक्रिया लागू की जाए।

 
 
 

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