जिला परिषद की स्थायी समिति की बैठक नहीं पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- Nov 8
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सभापति ने कार्रवाई के लिए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को निदेश दिया
दुमका। जिला परिषद के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाज कल्याण से जुड़ी स्थायी समिति की बैठक सभापति सह उपाध्यक्ष सुधीर मंडल की अध्यक्षता में शनिवार को परिषद के सभागार में आयोजित हुई. इस बैठक में जहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों अथवा उनके किसी भी प्रतिनिधि के उपस्थित न रहने के मामले को गंभीरता से लिया गया और मामले में कार्रवाई के लिए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को निदेश दिया गया। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक भी नहीं रहे, लेकिन संबंधित विभाग के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।

आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की बेहद कम उपस्थिति पर जतायी नाराजगी
दुमका। बैठक में स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाली, संचालन में लापरवाही, पूरक पोषाहार वितरण में अनियमितता, बच्चों की बेहद कम उपस्थिति आदि को लेकर मंडल ने कड़ी नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में क्षेत्र भ्रमण के दौरान स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों की उन्होंने खुद बदहाली देखी है। इसलिए अधिकारी जमीनी स्तर पर निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में जो पूरक पोषाहार का वितरण होता है, उसमें भी काफी अनिमियतता दिखती है। समय पर उसका वितरण नहीं होता। कई बार वितरण के नाम पर खानापूरी होती है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए विडियो कालिंग नाकाफी
दुमका। उपाध्यक्ष ने जिला प्रशासन द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए विडियो कालिंग के निर्णय को नाकाफी बताया। उन्होंने कहा कि रैंडमली कॉल की वजाय भौतिक निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षिकाएं और सीडीपीओ अपनी जांच में यह भी सुनिश्चित करें कि राज्य व जिलास्तर पर जो भी उपस्कर, फर्नीचर, बर्तन उपलब्ध कराये गये हों, वह केंद्र में उपलब्ध हों।

बिना मोटर-बोरिंग के आंगनबाड़ी भवनों में लगा दिया टंकी
दुमका। जिला परिषद सदस्य विमान सिंह द्वारा ऐसे केंद्र जहां बिना मोटर-बोरिंग के आंगनबाड़ी भवनों में टंकी और रनिंग वाटर के लिए पाइप फिटिंग कराये गये हैं, उसपर सवाल उठाया। सभापति मंडल ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने, विकास मद में मिले पैसे का सदुपयोग कराने, प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर नामांकन सुनिश्चित कराने, स्कूल में ही किताब, जूता-मोजा आदि की बिक्री पर अंकुश लगवाने पर बल दिया। बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी के अलावा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, स्थाई समिति के सदस्यगण मौजूद थे।









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