top of page

बाल विवाह और लड़कियों की शिक्षा की बात की तो पंचों ने गांव से निकाल दिया


दुमका। जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मोडभंगा पंचायत के एक गाँव चिरुडीह में रहने बाले वसारद अंसारी को बाल विवाह का विरोध करना महंगा पड़ गया है।वसारद ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं लड़कियों की शिक्षा की बात की उसने आग्रह किया कि बच्चियों को मेट्रिक तक पढ़ने दिया जाय। नयीजा यह हुआ ग्रामीणों ने पंचायत लगाकर इसे गांव से निकाल दिया,यही नही भाईं ने इसके सामानों को घर से बाहर फेंक दिया। हाथों में कागज लिए दुमका एसपी ऑफिस के सामने अपने बेटे के साथ कागज दिखाता यह व्येक्ति ने बहुत ही हिम्मत का किया है । सामाजिक बुराई का बहिष्कार करना ओर सच बताना इसे काफी महंगा पड़ गया है। ग्रामीणों ने पंचायत लागा करें इसे गांव से सिर्फ इस लिए निकल दिया है की इसने लड़कियों की शिक्षा और बाल विवाह पर बात की फिलहाल वसारद अपने बच्चे और परिवार के साथ अपनी बहन के घर में रह रहा है घर वापसी के लिए दुमका एसपी को लिखित आवेदन देकर गुहार लगाया है। वसारद ने दुमका उपायुक्त को भी मंगलवार को लिखित आवेदन दिया है।

चाइल्ड हेल्प लाइन पर फोन कर वसारद ने रूकवाया था शादी

वसारद की माने तो वर्ष 2012 में जब वह दिल्ली में रहता था इसने अपनी नाबालिग भतीजी की शादी का विरोध किया था । उसने अपने भाई से कहां अभी यह बच्ची है कम से कम मैट्रिक तक पढ़ने दीजिये । किसी ने इसकी बात नहीं सुनी। वसारद ने इस बात की चाइल्ड हेल्पलाइन में शिकायत कर दी थी । जिसके कारन उस दिन शादी नही हो सकी थी । दूसरे दिन ग्रामीणों ने उस बच्ची का शादी करा दिया था । वसारद ने बताया जब वह दिल्ली से वापस 6 महीना पहले अपने गांव आया तो उसका भाई उसे घर में घुसने नहीं देने लगे ग्रामीणों ने पंचायत लगया और 2012 की घटना की बात करने लगे । वसारद ने ग्रामीणों से माफी भी मांगा और आइंदा ऐसी गलती नहीं करने की बात भी कही । उसने पंचो से सिर्फ एक आग्रह किया मुझे एक मौका दिया जाए गांव में जब ऐसे बच्चियों की शादी हो जिसने मैट्रिक नहीं की हो मैं उसके माता-पिता को समझाऊँगा की बच्ची को मैट्रिक तक पढ़ने दीजिये। उसके बाद शादी कीजिएगा । इससे पंचायत में बैठे लोगों ने कहा बहुत खुराफात है ये आदमी इसका गांव में रहना ठीक नहीं ।



141 views0 comments
Post: Blog2 Post
bottom of page