सेहरा सजने से पहले ही रूपांकर का अर्थी उठ गया
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- 12 hours ago
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दुमका। रूपांकर अपने परिवार का इकलौता चिराग था। रूपांकर की एक बहन भी हैं। रूपांकर की मौत की खबर सुनकर पूरा परिवार में मातम पसरा हुआ है। चतरा गांव में सन्नटा पसर गया है। रूपांकर को अंतिम बार देखने के लिए उसके घर के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई थी। दुमका में पोस्टमार्टम के बाद रूपांकर का शव जैसे ही घर पहुँचा, उसके पिता, माँ और बहन मानों जैसे सदमें चला गये। किसी के आंख से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था। गांव के लोगों को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि रूपांकर अब इस दुनिया में नहीं रहा। 07 जुलाई को चतरा गांव में रूपांकर का अंतिम संस्कार किया गया।

घर का इकलौता चिराग था रूपांकर
रूपांकर बैंकिंग सेक्टर में एग्जाम दे चुका था। परिवार वालों का कहना था कि नौकरी लगते ही रूपांकर की शादी करा दी जाती। परिवार के सदस्य रूपांकर के लिए लड़की भी देख रहे थे, लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था। सेहरा सजने से पहले ही रूपांकर का अर्थी उठ गया। ज्ञात हो कि रविवार को नलहटी के चतरा गांव से दो बाइक पर चार दोस्त खरौनी बाजार के समीप घाघर वॉटर फॉल घूमने आया था। वॉटर फॉल के नीचे तिरुपतिया नदी में नहा रहा था। इसी दौरान रूपांकर गहरे पानी में चला गया और डूब गया। साथियों ने बचाने की कोशिश भी किया लेकिन असफल रहा। करीब 45 मिनट के बाद ग्रामीणों के सहयोग से रूपांकर का शव पानी से निकाला गया।

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