कोयला डंपिंग यार्ड को हटाने की मांग पर झुनझुना थमा कर चले गये रघुवर दास
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- Jun 7
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दुमका। लोकसभा चुनाव से पूर्व गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला स्टॉक्यार्ड (डंपिंग यार्ड) को हटा कर मदनपुर में शिफ्ट करवाने का स्थानीय आंदोलन कारियों से वादा किया था। भाजपा की केन्द्र में सरकार बनी और डा निशिकांत दुबे पुनः सांसद निर्वाचित हुए पर उनका वादा पूरा नहीं हुआ। स्थानीय लोग तब से लेकर अबतक प्रत्येक रविवार को दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला डंपिंग यार्ड को हटाने की मांग को लेकर दुमका रेलवे स्टेशन के सामने धरना प्रदर्शन करते हैं। 07 जून को यानि सप्ताहिक धरना-प्रदर्शन से एक दिन पूर्व स्थानीय लोगों के एक शिष्टमंडल ने दुमका परिसदन में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवार दास से मुलाकात की और दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला डंपिंग यार्ड को हटाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। पर सांसद निशिकांत दुबे की तरह ही पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास आंदोलनकारियों को झुनझुना थ्मा कर चलते बने। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा, ‘‘फूलो झानु मेडिकल कालेज के बगल में दुमका रेलवे स्टेशन में कोयला डंपिंग यार्ड बनाया गया है जिससे बहुत ज्यादा पोल्युशन हो रहा है। मेरी मांग है कि अविलंब कोयला रेलवे साइडिंग को मदनपुर (जामा) में शिफ्ट किया जाये। दुमका एक हरा-भरा जगह है। ...पर्यावरण को ध्णन में रखते हुए दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला डंपिंग यार्ड जल्द हटाया जाये।’’ यहां बता दें कि केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व में राजग की सरकार है। रेल मंत्री एवं रेल राज्य मंत्री दोनों राजग के हैं, कोल स्टॉकयार्ड दुमका रेलवे स्टेशन पर होगा या फिर मदनपुुर (जामा) में, यह केन्द्र सरकार और रेल मंत्रालय को तय करना है। रघुवर दास न सिर्फ पांच सालों तक झारखण्ड में भाजपा के मुख्यमंत्री रहे हैं बल्कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से लंेकर उड़ीसा के राज्यपाल तक रहे हैं। राज्यपाल के पद से इस्तीफा देकर दोबारा झारखण्ड की राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद यदि वह ऐसे मुद्दों पर बचकाना बयान देते हैं, तो इससे समझा जा सकता है कि भाजपा या रघुवर दास इस गंभीर मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हैं।
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