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अब ऑब्जेक्टिव मोड में होंगी यूजी की कॉमन कोर्स परीक्षाएं


सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के परीक्षा बोर्ड का महत्वपूर्ण निर्णय

दुमका। सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय में अब यूजी के सभी सेमेस्टरों में कॉमन कोर्स की परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव मोड में ओएमआर शीट पर ली जाएंगी। कुलपति प्रो. कुनुल कंदिर की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित परीक्षा बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के अंतर्गत संचालित यूजी पाठ्यक्रमों के एमडीसी (मल्टी-डिसिप्लिनरी कोर्स), एबिलिटी एन्हांसमेंट कोर्स, स्किल एन्हांसमेंट कोर्स और वैल्यू एडेड जैसे कोर्स की परीक्षाएं अब ओएमआर आधारित ऑब्जेक्टिव मोड में आयोजित होंगी। हालांकि, मेजर और माइनर विषयों की परीक्षाएं पूर्व की भांति सब्जेक्टिव मोड में ही आयोजित की जाएंगी। यह निर्णय मूल्यांकन प्रक्रिया को तेज करने और परीक्षाओं के परिणामों की त्वरित घोषणा के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि सत्रों को नियमित किया जा सके।

विलंबित चल रहे हैं एनईपी के तहत संचालित तीन सत्र

सिकामु विश्वविद्यालय का दावा है कि पिछले दो वर्षों से सत्रों को नियमित करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन एनईपी के तहत विषयों की बढ़ी हुई संख्या और मूल्यांकन प्रक्रिया में लगने वाले अतिरिक्त समय के कारण कई सत्र अभी भी विलंब से चल रहे हैं। विश्वविद्यालय में वर्तमान में एनईपी के अंतर्गत तीन सत्र संचालित हो रहे हैं, जो विभिन्न कारणों से विलंबित हैं। इस निर्णय से उम्मीद जताई जा रही है कि अब सत्र नियमित हो सकेंगे। बैठक में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. बिमल प्रसाद सिंह, डीन स्टूडेंट वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) डॉ. जेनेन्द्र यादव, सीसीडीसी डॉ. अब्दुस सत्तार, सामाजिक विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के डीन डॉ. टीपी सिंह, विज्ञान संकाय के डीन डॉ. संजय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. जयकुमार साह, परीक्षा ओएसडी डॉ. इन्द्रनील मंडल, ओएसडी पीएचडी डॉ. इन्द्रनील मंडल, जनसंपर्क पदाधिकारी दीपक कुमार व मनोज आदि उपस्थित थे।


छात्र हित में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय: कुलपति प्रो. कुनुल कंदिर

सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुनुल कंदिर ने कहा कि विश्वविद्यालय परीक्षा बोर्ड द्वारा लिया गया यह निर्णय छात्र हित में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘इस निर्णय का उद्देश्य मूल्यांकन प्रक्रिया को तेज करना और परीक्षा परिणामों की त्वरित घोषणा सुनिश्चित करना है, जिससे वर्तमान में विलंबित सत्रों को नियमित किया जा सके।’’ कुलपति ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य परीक्षा कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करना है ताकि छात्रों को समय पर डिग्री प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय समय पर नामांकन प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।


डीआरसी की तिथि को माना जायेगा पीएचडी रजिस्ट्रेशन की तिथि

परीक्षा बोर्ड की बैठक में चार पीएचडी छात्रों का मामला भी रखा गया। इन छात्रों का कहना था कि पीएचडी कोर्स में नामांकन की तिथि को रजिस्ट्रेशन की तिथि मानना सही नहीं है क्योंकि यूजीसी के निर्देश और उसके आधार पर एसकेएमयू के द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक डीआरसी (डाक्टोरल रिसर्च कमिटि) के बैठक के दिन को ही पीएचडी के लिए निबंधन की तिथि माना जायेगा। परीक्षा बोर्ड ने छात्रों के आवेदन को स्वीकार कर लिया है जिसके तहत उनके डीआरसी की तिथि ही अब निबंधन की तिथि मानी जायेगी जिस कारण ये चारों छात्र अब अपना पीएचडी पूरा कर पाएंगे। पूर्व के निर्णय के मुताबिक नामांकन की तिथि से निबंधन की तिथ मानने के कारण पांच साल का समय पूरा होने के कारण ये चारों छात्र पीएचडी करने से वंचित रह जाते। पूर्व का यह निर्णय तत्कालीन कुलपति डा सोना झरिया मिंज के कार्यकाल में लिया गया था।

 
 
 

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