विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का संदेश
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- 3 days ago
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आज विश्व आदिवासी दिवस है। मेरे मार्गदर्शक, मेरे गुरु, मेरे बाबा अब सशरीर साथ नहीं हैं, मगर उनका संघर्ष, उनके विचार और उनके आदर्श हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। वे न केवल मेरे पिता थे, बल्कि पूरे आदिवासी समाज समेत झारखण्ड की आत्मा, संघर्ष के प्रतीक और जल-जंगल-जमीन के सबसे मुखर रक्षक भी थे।
आदिवासी समाज ने मानवजाति को प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर खुशहाल जीवन जीने का मार्ग दिखाया है। हमारा जीवन-दर्शन प्रकृति से शुरू होकर प्रकृति पर ही समाप्त होता है। लेकिन सदियों से आदिवासी और वंचित समाज को हाशिये पर खड़ा रहने को मजबूर किया गया। बाबा ने इस स्थिति को बदलने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
विश्व आदिवासी दिवस का कार्यक्रम बाबा का प्रिय अवसर रहा करता था, क्योंकि यह हमारी समृद्ध सभ्यता और संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने, और हमारी प्रतिभा को वैश्विक मंच देने का दिन है।

आज इस अवसर पर मैं बाबा दिशोम गुरु सहित सभी वीर पुरखों को नमन करता हूँ, जिन्होंने संघर्ष और शहादत देकर हमारी पहचान, संस्कृति, सभ्यता और अधिकारों की रक्षा की। मैं संकल्प लेता हूँ कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर झारखण्ड और देश में आदिवासी अस्मिता की मशाल को और ऊंचा ले जाऊंगा।
झारखण्ड के वीर अमर रहें!
देश के समस्त वीर आदिवासी योद्धा अमर रहें!
जय जोहार, जय आदिवासियत, जय झारखण्ड!
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने सोशल साइट पर आदिवासी दिवस के मौके पर यह संदेश देशवासियों के लिए समर्पित किया है
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