हंसडीहा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल: 300 बेड में अपग्रेड की योजना, करोड़ों की लागत पर फिर उठे सवाल
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- 2 days ago
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दुमका। करोड़ों की चोरी की घटना के बाद हंसडीहा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल एक बार फिर सुर्खियों में है। अस्पताल के निर्माण खर्च, स्वास्थ्य उपकरणों की कीमत और लगाए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आकलन को लेकर विभाग लगातार समीक्षा में जुटा है।
500 बेड की योजना घटी, 100 बेड में बना अस्पताल
2015 में केंद्र सरकार ने इस अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी थी। प्रारंभिक योजना के अनुसार, 500 बेड के आधुनिक अस्पताल के लिए 300 करोड़ रुपए की लागत निर्धारित थी। लेकिन जमीन की कमी के कारण अस्पताल के आकार में बदलाव किया गया और उपलब्ध लगभग 5 एकड़ जमीन पर 100 बेड के अस्पताल का प्रारूप तय किया गया।
इसके लिए 35 करोड़ रुपए की लागत से टेंडर निकाला गया, जिसमें राजवीर कंस्ट्रक्शन ने 30 करोड़ रुपए की बोली लगाकर निर्माण का जिम्मा लिया। कंपनी ने निर्धारित समय से पहले ही निर्माण कार्य पूरा कर भवन को स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया।
1.46 करोड़ के स्वास्थ्य उपकरण और 1 करोड़ के इलेक्ट्रॉनिक सामान लगाए गए
जानकारी के अनुसार, अस्पताल में
1.46 करोड़ रुपए मूल्य के अत्याधुनिक स्वास्थ्य उपकरण
1 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
स्थापित किए गए थे।
बाकी राशि भवन निर्माण पर खर्च की गई।
भवन का डिजाइन इस तरह तैयार किया गया था कि भविष्य में इसे 300 बेड के अस्पताल में अपग्रेड किया जा सके।
इसीएल के सीएसआर फंड से 200 बेड का अपग्रेडेशन
कोरोना काल में दुमका जिला प्रशासन ने अस्पताल को 200 बेड के कोविड हॉस्पिटल में बदलने के लिए इसीएल से सीएसआर फंड के तहत 4 करोड़ रुपए की मांग की थी। इसके जवाब में इसीएल ने तत्काल 1.5 करोड़ रुपए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उपलब्ध कराए।
इस राशि से
200 ऑक्सीजन युक्त बेड,
ऑक्सीजन प्लांट,
विद्युत उपकरण आदि
स्थापित किए गए।
शेष राशि जारी की गई थी या नहीं — इस संबंध में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है।
तीन मंजिला भवन में स्थापित थे अत्याधुनिक उपकरण
पांच एकड़ भूमि पर बने इस अस्पताल की तीन मंजिला इमारत में आधुनिक सुविधाओं का पूरा सेटअप किया गया था। अस्पताल में—
ऑक्सीजन युक्त 300 बेड (इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार)
30 आईसीयू वार्ड
वेंटिलेटर
5 मर्चरी वार्ड
12 ऑपरेशन थिएटर
ब्लड बैंक
लैब एवं पैथोलॉजी
डायलिसिस यूनिट
ईपीपी व रेडियोलॉजी यूनिट
आरओ और ऑक्सीजन प्लांट
जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं स्थापित थीं।








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