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“जिंदा हूं मैं” दुमका में 200 पेंशनरों ने बैंक में जमा किए जीवन प्रमाण पत्र

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एसबीआई मुख्य शाखा में लगी लंबी कतारें

दुमका। शनिवार को दुमका स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मुख्य शाखा में पेंशनरों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही सैकड़ों पेंशनर जीवन प्रमाण पत्र (स्पमि ब्मतजपपिबंजम) जमा करने पहुंचे और कहा कृ “जिंदा हूं मैं”। पहले ही दिन लगभग 200 पेंशनरों ने अपना प्रमाण पत्र जमा कर लिया।

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पेंशनर समाज और बैंक प्रबंधन ने मिलकर की व्यवस्था

पेंशनर समाज के अध्यक्ष लक्ष्मी कांत ठाकुर, सचिव तारणि प्रसाद कामत, उपाध्यक्ष रामानंद मिश्र, मीडिया प्रभारी कुंदन झा और बैंक के मुख्य प्रबंधक वीरेन्द्र कुमार की देखरेख में व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखा गया। भीड़ कम करने के लिए बैंक ने दो स्थानों पर ई-केवाईसी की व्यवस्था की, जिससे पेंशनरों को काफी सुविधा हुई। बैंक प्रबंधक स्वयं उपस्थित रहकर पेंशनरों की सहायता करते रहे।

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रुग्ण पेंशनरों को निःशुल्क ऑनलाइन सुविधा

समाज के मीडिया प्रभारी कुंदन झा के द्वारा बीमार और असमर्थ पेंशनरों का ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र निःशुल्क समर्पित किया जा रहा है। इस कार्य में समाज के कई सदस्य कृ मोहम्मद अलाउद्दीन, अब्दुल रशीद, बाणेश्वर राय, पुरन देशवाल, अरविंद मिश्रा, रामेश्वर तिवारी, ग़नोरी प्रसाद राय, राधे मिस्त्री, दुर्गा प्रसाद चौरसिया, शिवलाल मरांडी, रामपत रविदास, सनातन भूई, शशि भूषण झा, विजय कुमार एवं सेवारत पुलिसकर्मी कृ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे थे।

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भीड़ नियंत्रण के लिए पांच उम्र समूह बनाए गए

बैंक और पेंशनर समाज की ओर से पेंशनरों को पांच उम्र समूहों में विभाजित किया गया, ताकि भीड़ नियंत्रित रहे। इस प्रयास का सकारात्मक परिणाम दिखा और कुछ समय बाद बैंक परिसर में व्यवस्था बन गई।

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पेंशनरों के लिए पेयजल और बैठने की सुविधा

बैंक प्रबंधन की ओर से पेंशनरों के लिए अतिरिक्त कुर्सियों और पेयजल की व्यवस्था की गई। समाज के पदाधिकारियों ने इस सहयोग के लिए बैंक मैनेजर को धन्यवाद दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जब तक जीवन प्रमाण पत्र समर्पण प्रक्रिया जारी रहेगी, बैंक द्वारा यह सुविधाएं जारी रहेंगी।

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