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हंसडीहा में मंदिर भूमि विवाद ने पकड़ा तूल, प्रशासन–ग्रामीणों की 6 घंटे मैराथन बैठक

दुमका जिले के हंसडीहा में प्रस्तावित राधा–कृष्ण मंदिर निर्माण को लेकर उपजा भूमि विवाद मंगलवार को विस्फोटक मोड़ पर पहुंच गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और ग्रामीणों के बीच थाना परिसर में करीब छह घंटे तक लंबी और तीखी बैठक चली। बैठक का मुख्य उद्देश्य इलाके में शांति बनाए रखना और किसी भी प्रकार के टकराव को रोकना रहा।


विवादित जमीन पर धारा 144 लगाने की अनुशंसा


हंसडीहा थाना प्रशासन ने विवादित जमीन को अत्यंत संवेदनशील बताते हुए वहां धारा 144 लागू करने की अनुशंसा अंचल प्रशासन से की है। प्रशासन ने दो टूक कहा कि जब तक न्यायालय का अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक विवादित भूमि पर कोई भी पक्ष किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं करेगा। आदेश उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।


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मंदिर समिति का दावा, जमीन सेलेबल और वर्षों से खाली


बैठक के दौरान मंदिर निर्माण समिति ने प्रशासन के सामने जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा। समिति का कहना है कि विवादित प्लॉट संख्या 321 बसौरी प्रकृति की जमीन है, जिसका भूस्वामी एक मारवाड़ी व्यक्ति है जो दशकों से हंसडीहा में नहीं रहता। समिति के अनुसार जमीन सेलेबल है और दावा करने वाले के पास न तो रजिस्ट्री है और न ही कोई सेल डीड, इसलिए ग्रामीणों ने वहां धर्मशाला और राधा–कृष्ण मंदिर निर्माण का निर्णय लिया।


दूसरे पक्ष का दावा, कोर्ट से मिली जमीन


वहीं चतुर्भुज मांझी ने प्रशासन के समक्ष दावा किया कि विवादित जमीन उन्हें न्यायालय के आदेश से प्राप्त हुई है। दोनों पक्षों के दावों को देखते हुए प्रशासन ने सभी दस्तावेजों की गहन जांच की बात कही और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया।


हाई कोर्ट जाने की तैयारी में मंदिर समिति


बैठक के बाद मंदिर निर्माण समिति ने साफ कर दिया कि यदि प्रशासनिक स्तर पर समाधान नहीं निकला तो वह इस मामले को उच्च न्यायालय तक ले जाएगी। ग्रामीणों ने भी ऐलान किया कि वे कानूनी प्रक्रिया के तहत ही अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे और पीछे नहीं हटेंगे।


पत्थलगड़ी कर यथास्थिति लागू, पुलिस गश्ती बढ़ी


स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अंचलाधिकारी ने विवादित भूमि पर पत्थलगड़ी कराकर उसकी पहचान स्पष्ट कराई, ताकि कोई भी पक्ष जमीन से छेड़छाड़ न कर सके। प्रशासन ने साफ शब्दों में कहा कि फिलहाल यथास्थिति बनाए रखना अनिवार्य है और शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एहतियातन इलाके में पुलिस गश्ती भी बढ़ा दी गई है।


पूजा की मौखिक अनुमति, लेकिन निर्माण पर सख्त रोक


हालांकि प्रशासन ने मौखिक रूप से ग्रामीणों को यह कहकर कुछ राहत दी कि पहले से बने मंदिर में पूजा–पाठ किया जा सकता है, लेकिन किसी भी प्रकार का नया निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।


फिलहाल टला टकराव, फैसले पर टिकी सबकी निगाहें


करीब छह घंटे चली मैराथन बैठक के बाद प्रशासन की सख्ती से फिलहाल तनाव पर काबू पा लिया गया है, लेकिन जमीन विवाद की आग अभी पूरी तरह बुझी नहीं है। अब हंसडीहा की जनता की नजरें न्यायालय के फैसले पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि इस विवादित जमीन का असली हकदार कौन है।

 
 
 

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