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कोल ब्लॉक के विरोध में ग्रामीणों के समर्थन में खड़े है विधायक नलिन सोरेन


दुमका। जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के पकलूपाड़ा और सिमानीजोड़ गांव में सोमवार को काफी संख्या में ग्रामीण जुटे और दुमका जिले में दो कोल ब्लॉक और एक पावर प्लांट के प्रस्तावित योजना का विरोध किया। विश्व आदिवासी समारोह में भी कॉल ब्लॉक के लिए जमीन नहीं देने का मामला छाया रहा। सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों को स्थानीय विधायक नलिन सोरेन का भी साथ मिला। इसके साथ ही जिला परिषद अध्यक्ष जो विधायक नलिन सोरेन की पत्नी भी है वह भी मौजूद रही। एक बार फिर से ग्रामीणों ने दोहराया कि हम लोग कॉल ब्लॉक के लिए जमीन किसी भी हालात में नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस पर हम यह शपथ लेते हैं कि कोल ब्लॉक के लिए हम जमीन नहीं देने वाले अगर कोई जोर जबरदस्ती करेगा तो हम उनकी जान ले लेंगे। उनलोगों ने जल जंगल जमीन के रक्षा का एलान भ किया। अगर कोल ब्लॉक की कंपनी का कोई दलाल यहां आता है तो हम उन्हें जमीन में गाड़ देंगे। लोगों को जिला परिषद अध्यक्ष जोयेस बेसरा ने भी संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘आप के निर्णय के साथ हम भी हैं जमीनों का रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। नलिन सोरेन ने कहा हम ग्रामीणों के साथ’’। इस अवसर पर शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि ‘‘हम इन ग्रामीणों के साथ हैं कोल ब्लॉक के लिए जो 84 गांव के लोगों का नोटिस दिया गया है उन विस्थापितों के साथ हम खड़े हैं। उन्होंने कहा कि कानून है की ग्राम सभा के बैगर कोई भी सरकार विकास कार्यों के लिए जमीन नहीं ले सकती इसलिए सरकार जोर-जबर्दस्ती न करें। प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक धरना प्रदर्शन करेंगे विधायक ने कहा कि हम जनता के साथ हैं और जरूरत पड़ेगा तो इसके लिए मुख्यमंत्री तक से बात की जाएगी’’।

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