छात्रा से छेड़खानी मामले में एएन कालेज के प्रोफेसर पर प्राथमिकी दर्ज
- Santhal Pargana Khabar
- 6 days ago
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दुमका। एएन कॉलेज के परीक्षा हॉल में सेमेस्टर-1 की छात्रा के साथ छेड़खानी करने के मामले में प्रो. नीरज प्रसाद के विरूद्ध मुफस्सिल थाना में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 78 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह कार्रवाई एक छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने की है। छात्रा ने 2 जुलाई को परीक्षा हॉल में परीक्षा के दौरान प्रोफेसर पर उसे परेशान करने एवं छेड़खानी करने का आरोप लगाया था। एसपी के निर्देश पर डीएसपी के नेतृत्व में मुफस्सिल थाना की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल की जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी।

एएन कालेज में भूगोल की परीक्षा दे रही थी छात्रा
सेमेस्टर-1 की पीड़ित छात्रा ने पुलिस को बताया है कि वह 02 जुलाई को एएन कालेज में भूगोल विषय की परीक्षा दे रही थी कि परीक्षा हॉल में मौजूद पर्यवेक्षक प्रो0 नीरज प्रसाद उसके बगल की सीट पर आकर बैठ गये। वह उसका नाम, पता और मोबाइल नंबर मांगने लगे। प्रोफेसर ने काफी देर तक उसे परेशान किया और फिर उसकी जांघ में हाथ फेर कर वहां से चले गये।

कालेज एवं विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई
आदिवासी छात्रा के साथ स्टॉकिंग की यह घटना 02 जुलाई को एएन कालेज के परीक्षा हॉल में हुई। छात्रा ने उसी दिन शाम में मुफस्सिल थाना में इस घटना की लिखित शिकायत कर दी। 03 जुलाई को छात्र समन्वय समिति ने इस मामले में कार्रवाई करने की मांग करते हुए ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की धमकी दी। 5 जुलाई को अभाविप ने एएन कालेज के प्रचार्य और सिकामु विवि की कुलपति को ज्ञापन सौंप कर इस मामले में आरोपी प्रोफेसर को हटाने की मांग की। जांच के बाद 5 जुलाई को पुलिस ने मुफस्सिल थाना में प्रो0 नीरज प्रसाद के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया पर एएन कालेज प्रशासन और सिकामु विवि प्रशासन ने घटना के एक सप्ताह बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज हुआ है स्टॉकिंग का मामला
"स्टॉकिंग" (पीछा करना) यानी किसी व्यक्ति को बार-बार परेशान करना। सोशल मीडिया, स्मार्टफोन और अन्य तकनीकों ने स्टॉकर्स के लिए अपने शिकार तक पहुंचना आसान बना दिया है। इसलिए इस अपराध की जानकारी हम सभी को होना बहुत जरुरी है। "स्टॉकिंग" के लिए अभी कुछ समय पहले तक भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354d के तहत केस दर्ज किए जाते थे। जिसे BNS के लागू किए जाने के बाद से ही भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 78 से बदल दिया गया है। यह कानून किसी महिला का पीछा करने व उसे बार-बार परेशान करने से बचाने के लिए बनाया गया है। यह धारा उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो किसी महिला की इच्छा के विरुद्ध उसका पीछा करते हैं या उससे जबरदस्ती संपर्क (Forced Contact) करने की कोशिश करते हैं।
कब लगती है BNS की धारा 78 ?
इस धारा के तहत अपराध साबित करने के लिए नीचे दी गई निम्नलिखित बातों को साबित करना आवश्यक है:-
आरोपी (Accused) द्वारा बार-बार किसी महिला का पीछा करने की गतिविधियां (Activities) की गई हों।
आरोपी की हरकतों से पीड़ित महिला को डर या असुविधा (Fear Or Discomfort) महसूस हुई हो।
आरोपी की हरकतों के पीछे एक विशेष इरादा हो कि वह महिला को डराना या असुविधा में डालना चाहता हो।
महिला के बार-बार मना करने के बाद भी आरोपी उससे बात करने की कोशिश करता हो, या उस पर किसी तरीके से नजर रखता हो।
कौन से काम इस धारा के तहत अपराध माने जा सकते है ?
किसी महिला को बार-बार फोन करके परेशान करना, भले ही उसने फोन करने से मना किया हो।
किसी महिला को बार-बार मैसेज करना, चाहे वह टेक्स्ट, ईमेल, या सोशल मीडिया पर हो।
किसी महिला को उसके घर, काम की जगह या अन्य स्थानों पर बार-बार पीछा करना।
किसी महिला को सार्वजनिक स्थानों पर बार-बार परेशान करना, जैसे कि दुकानों, बस स्टॉप, या पार्कों में।
किसी लड़की को उसकी सहमति के बिना फोटो या वीडियो भेजना।
किसी लड़की को सार्वजनिक रूप से अपमानित (Insulted) करना या उसकी प्रतिष्ठा (Prestige) को नुकसान पहुंचाना।
किसी महिला को शारीरिक या भावनात्मक (Physically or Emotionally) रूप से नुकसान पहुंचाने की धमकी (Threat) देना।
झूठी अफवाहें (False Rumours) फैलाकर किसी महिला का अपमान करने की कोशिश करना।
महिला का पीछा करने की बीएनएस धारा 78 में सजा कितनी होती है ?
बीएनएस की धारा 78 के तहत किसी महिला का पीछा करने के अपराध के दोषी (Guilty) पाए जाने वाले व्यक्ति को पहली बार अपराध के लिए 3 साल तक की कैद की सजा से दंडित (Punished) किया जाता है। लेकिन अगर वही व्यक्ति दोबारा इस अपराध को करने का दोषी पाया जाता है, तो सजा 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा दोषी व्यक्ति पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जा सकता है। जो न्यायालय (Court) द्वारा अपराध की गंभीरता और स्थिति के आधार पर तय किया जाता है।
BNS की धारा 78 में जमानत मिलती है ?
बीएनएस की धारा 78 के प्रावधान (Provision) के तहत किसी महिला को परेशान करना या पीछा करना एक गंभीर या संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) होता है। जिसमें पुलिस द्वारा बिना किसी वारंट के केवल पीड़ित महिला (Victim Woman) की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके साथ ही यह एक जमानती अपराध (Bailable Offence) होता है।
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