दुमका. सिधो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह आज झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ. दीक्षांत समारोह के लिए विश्वविद्यालय की कुलपति सोना झरिया मींज काफी दिनों से उत्साहित थी. विद्यालय प्रशासन इसके सफल आयोजन के लिए लगातार लगे हुए थे. इसके बावजूद भी अव्यवस्था और अफरातफरी के बीच जैसे तैसे विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह समाप्त हुआ.कार्यक्रम पर संतुलन बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय ने सिर्फ 400 छात्रों को ही इस दीक्षांत समारोह में शामिल होने की अनुमति दी थी उनका तर्क था कि कोविड-19 के गाइड लाइन के कारण ऐसे किया गया है. ऐसा कायास लगाया जा रहा था कम छात्रों में कार्यक्रम को सही ढंग से संपन्न किया जा सकेगा. इसके बावजूद भी दीक्षांत समारोह का आयोजन के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं
विश्वविद्यालय राजपाल के हाथ हो संस्कृत के टॉपर को दीया उर्दू टॉपर का मेडल
विश्व विद्यालय की जो सबसे बड़ी गलती थी वह यह था कि विश्वविद्यालय ने महामहिम राज्यपाल के हाथ से गलत मेडल का वितरण करवाया. गलती का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि विश्वविद्यालय ने राज्यपाल के हाँथ से संस्कृत के टॉपर को उर्दू टॉपर होने का मेडल दिलवा दिया. संस्कृत टॉपर गौतम भारद्वाज ने बताया कि वह सिद्धू कानू विश्वविद्यालय के 2020 सत्र में संस्कृत के टॉपर हैं पर उन्हें राज्यपाल के द्वारा जो मेडल दिया गया उसमें उर्दू टॉपर फहीमा खातून का नाम लिखा हुआ है. गौतम भारद्वाज कार्यक्रम खत्म होने के बाद इधर-उधर अपना मेडल ढूंढते नजर आए. ऐसा यह अकेला मामला नहीं था इस तरह के सैकड़ों छात्र कार्यक्रम के बाद परेशान नजर आए. 2016-18 बेच की हिंदी टॉपर चांदनी भारती ने बताया कि उन्हें एन कॉलेज के इकोनॉमिक्स के छात्र रोहित कुमार का मेडल दे दिया गया है.वही राखी कुमारी ने बताया कि वह 2014 - 16 की हिस्ट्री टॉपर है ओर उन्हें गोड्डा पथरगामा कॉलेज के हिंदी टॉपर कुमार शुभम का मेडल दे दिया गया है
विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से इस तरह की समस्या के समाधान के लिए कोई भी आदमी नजर नहीं आया. राजपाल के जाने के बाद समारोह स्थल पर मेला का जैसा नजारा था जिस तरह से मेले में बच्चे के गुम हो जाने की सूचना प्रसारित की जाती है उसी तरह से सर्टिफिकेट के गुम होने की सूचनाएं दी जा रही थी लाउडस्पीकर पर जोर जोर से आवाज आ रहा था जिन किन्ही के पास केमिस्ट्री का मेडल हो मुख्य मंच पर आ जाएं हिंदी के मेडल वाले ध्यान दें आपका मेडल मिल गया है आप मंच पर आकर अपना मेडल ले जाएं कुल मिलाकर हम आपको बता दें सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह का आयोजन राज्यपाल के स्तर का नहीं था विश्वविद्यालय प्रबंधन को इस पर गम्भीरता से मंथन करना चाहिए. सिधो कान्हू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में देश के राष्ट्रपति भी पहुंचे है और डिग्री धारकों को डिग्री प्रदान किये है ऐसे में इस तरह के आयोजन का विश्वविद्यालय से किसी को उम्मीद नहीं थी
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