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दुमका शहर में बंद हो जायेगी पानी की सप्लाई

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चार माह से संवेदक को नहीं मिला है पेयजलापूर्ति का भुगतान

दुमका। दुमका की नई शहरी जलापूर्ति योजना कभी भी बंद हो सकती है। इसका कारण बिजली की समस्या या कोई फोल्ट नहीं है बल्कि बकाया के भुगतान का मसला है। पेयजलापूर्ति का संचालन करनेवाले संवेदक अशोक राउत अपने कर्मचारियों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि पिछले चार माह से नगर परिषद द्वारा संवेदक को भुगातन नहीं किया गया है। संवेदक और उनके 16 कर्मचारियांें ने 11 जुलाई को नगर पर्षद के प्रशासक शुतांषु खालको को एक ज्ञापन देकर बकाया का भुगतान नहीं किये जाने पर 1 अगस्त से पेयजलापूर्ति को बंद करने की चेतावनी दी है। संवेदक अशोक राउत ने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से जलकर की राशि के भुगतान का अनुरोध किया है कि पेयजलापूर्ति बाधित नहीं हो।

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10 हजार घरों तक पहुंचता है पेयजल

नई शहरी पेयजलापूर्ति योजना के तहत दुमका से 12 किमी दूरी पर बास्कीचक में इंटेक वेल बनाया गया है जहां से पानी को पम्प कर जिला मुख्यालय से 7 किमी दूरी पर स्थित कुरूवा पहाड़ में बनाये गये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जाता है। यहां से शुद्ध पेयजल को शहर के तीन वाटर टंकियांें में भरा जाता है जिससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजलापूर्ति की जाती है। इस योजना के तहत 20 हजार घरों को वाटर कनेक्सन दिया जाना था जिनमें से अभी 10 हजार घरों में वाटर कनेक्सन दिया गया है। स्टॉफ की कमी और भुगतान की ऑनलाइन व्यवस्था नहीं होने के कारण जलकर का नियमित रूप से कलेक्सन नहीं हो पाता है। लक्ष्य से आधे घरों में पेयजलापूर्ति कनेक्सन देने और जलकर की नियमित वसूली/भुगतान नहीं होने के कारण संवेदक का भुगतान लटक जाता है।

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मेडिकल कालेज, रेल व जेल में भी सप्लाई

नई शहरी जलापूर्ति योजना के तहत दुमका के मेडिकल कालेज, रेलवे स्टेशन और केन्द्रीय जेल में भी पेयजल की आपूर्ति की जाती है। ये तीनों ही प्रतिदिन बड़ी मात्रा में पेयजल का खपत करते हैं पर बताया जाता है कि पेयजल आपूर्ति के एवज में देय राशि का इन तीनों के पास बड़ा बकाया है। नगर परिषद सरकारी विभागों से जलकर वसूली नहीं कर पा रही है।

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संवेदक का 22 लाख 56 हजार रुपये है बकाया

दुमका शहरी जलापूर्ति योजना का संचालन एवं संपोषण कार्य के एवज में नगर परिषद को संवेदक को 5.64 लाख रुपये का भुगतान करना है। पिछले चार माह से नगर परिषद ने संवेदक को राशि का भुगतान नहीं किया है। इस तरह संवेदक का नगर परिषद पर बकाया बढ़कर 22 लाख 56 हजार हो गया है। भुगतान बकाया रहने के कारण संवेदक अशोक कुमार राउत तथा उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने 31 जुलाई तक का समय दिया है। संवेदक अशोक कुमार राउत का कहना है कि अगर कर्मचारी काम पर नहीं आएंगे तो शहरी जलापूर्ति ठप हो जाएगी जिससे दुमका के नगरवासियों को काफी कठिनाई होगी। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करनेवालों में संवेदक अशोक कुमार राउत के साथ उनके अधिनस्थ कर्मचारियों में विमल मंडल, विनय कुमार, आनंद कुमार गोप, विनोद मंडल, सीताराम महता, कामदेव मिर्धा, समीर चौधरी, विवेक कुमार, महावीर मंडल, अजय मंडल, राहुल महता, नितिन कुमार, विशाल कुमार, अजीत मंडल, सुनील महता शामिल हैं।

 
 
 

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