
दुमका के गांधी मैदान में 02 फरवरी को आयोजित 46वां झारखंड दिवस (झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का स्थापना दिवस) ऐतिहासिक होने बाला है। 2 फरवरी के मंच पर इस बार दो नए चेहरे नजर आएंगे जिन्हें सुनने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के ही नहीं शहर के लोग भी उत्साहित है। पहला नाम है गाण्डेय निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधायक बनी कल्पना सोरेन। कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद राजनीति में सक्रिय हुई है। वही दूसरा नाम है पूर्व मंत्री डॉ0 लुईस मरण्डी का जिन्होंने दुमका विधानसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। भाजपा के टिकट से दुमका से विधान सभा गयी ओर मंत्री बनी। दुमका शहर में इनकी अपनी अलग पहचान है। यदि हम 2 फरवरी के ऐतिहासिक महत्व की बात करें तो 1970 के दशक में झारखंड आंदोलन के जमाने से ही हर साल 2 फरवरी को दुमका में झारखंड दिवस मना कर पार्टी अपनी रैली करती रही है। झामुमो का यह सलाना राजनीतिक उत्सव होता है। संताल परगना के कोने-कोने से डुगडुगी और मांदर जैसे परम्परागत वाद्य यंत्रों और परम्परागत अस्त्रों तीर-धनुष लेकर लोग जुटते रहे हैं। झारखंड आंदोलन के दौरान दुमका में 2 फरवरी की रैली में ही दिशोम गुरु शिबू सोरेन अपनी रणनीति का खुलासा करते थे। गुरुजी को सुननने के लिए आदिवासियों की बड़ी भीड़ उमड़ती रही है। झारखंड आंदोलन के दौरान दुमका गांधी मैदान में 2 फरवरी की रैली आधी रात के बाद चलती थी। सबसे अंत में गुरुजी का सम्बोधन होता था। यह परम्परा आज भी कायम है। संताल परगना के आदिवासी जब तक दिशोम गुरु को न सुन लें, वे टस से मस नहीं होते हैं। इस बार स्थिति थोड़ी अलग है। दिशोम गुरु शिबू सोरेन थोड़े बीमार चल रहे है। फिर भी उनको देखने के लिए आदिवासी दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र से दुमका पहुंचेंगे। करोना के वजह से 2 फरवरी का उत्सव दो सालों तक फीका पड़ गया था। पिछली बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल चले जाने की वजह से चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री के रूप में कार्यक्रम में पहुंचे थे। कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी देखी गई थी पर इस बार के 2 फरवरी में ऐतिहासिक वीर होने की उम्मीद है क्योंकि कल्पना सोरेन अभी हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में स्टार प्रचारक बनकर उभरी है। उनके कार्यक्रम में लोगों की अच्छी खासी भीड़ रहती थी। वही दुमका के लोगों को इस बात का इंतजार रहेगा जामा विधायक का लुईस मरांडी मंच से क्या संबोधन करती है। एक और अलग चीज देखने को मिलेगी। शिबू सोरेन के बड़े बेटे स्वर्गीयष् दुर्गा सोरेन की पत्नी और जामा की पूर्व विधायक सीता सोरेन इस मंच पर नजर नहीं आयेंगी क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो चुकी है। हलांकि खिजुरिया स्थित सोरेन आवास के पास बनाये गये तोरण द्वार का नाम स्व0 दुर्गा सोरेन द्वार रखा गया है।
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