दुमका. जिले में आज विश्व आदिवासी दिवस की धूम रही सिद्धू कान्हू विश्वविद्यालय छात्र समन्वय समिति के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहर में रैली निकाली यह रैली एसपी कॉलेज मैदान में जाकर खत्म हो गया जहां कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सभी छात्र अपने सर पर विश्व आदिवासी दिवस 2022 के साथ था 1932 खतियान लागू करो लिखा हुआ पट्टा लगाए हुए थे 1932 स्थानीय नीति लागू करने की मांग कर रहे थे छात्र परम्परागत परिधान में तीर धनुष के साथ पहुंचे थे. छात्र नेता साममदेव हेम्ब्रम ने कहा कि वर्तमान सरकार से काफी उम्मीदें थी पर हेमंत सोरेन ने सभी के विश्वासों को तोड़ा है.
कार्यक्रम में शामिल हुए सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन ने कहा कि 9 अगस्त को पूरे विश्व में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है इसे बड़े हर्षोल्लास से सभी को मनाना चाहिए. पर दुखद यह है कि आदिवासियों की जो स्थिति होनी चाहिए वह नहीं है ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति बद से बदतर है आज भी दुमका के आसपास कई ऐसे गांव हैं जहां जाने के लिए सड़क नहीं है आदिवासी ग्रामीण डोभा ओर पोखर का गंदा पानी पीने को विवश है, बिजली नहीं पहुंची है गर्ववती महिलाओं को खटिया में उठा कर इलाज के लिए गांव से लाना पड़ता है। और इस स्थिति के लिए यहां के जनप्रतिनिधि आदिवासी समाज के पढ़े लिखे लोग जिम्मेदार हैं पढ़ लिख कर जिन्हें इनकी आवाज बननी चाहिए वे इनसे दूरी बना लेते हैं. उन्होंने कहा कि यहां के ग्रामीण खनिज संपदा के ऊपर रहते हैं और सरकार की नजर उनके खनिज संपदा पर है आने वाले समय में विस्थापन का इन्हें सताते रहता है सरकार को चाहिए कि मैं जिस कंपनी को इस क्षेत्र में भेज रहे हैं यहां के कंपनी को वहां के खनिज संपदा का शेअर होल्डर बनाया जाए. और इन्हें प्रॉफिट में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.
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