दशरथ महतो
दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज के मैकेनिकल विभाग के छात्रों के समूह ने तीन उर्जा स्रोतों से चलने वाली सोलर साइकिल बनाया है। इस प्रोजेक्ट पर अभी भी काम किया जा रहा है। इस साइकिल में सोलर लगी हुई है। जिससे यह लगभग 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। रात के समय में सोलर की जगह बैटरी से यह साइकिल चलेगी। यदि बैटरी समाप्त हो जाती है और तेज हवा चलती है तो साइकिल के सामने एक मोटरवाला पंखा लगाया गया है। यही पंखा उर्जा उत्पन्न करके बैटरी को चार्ज कर देगा।
बेकार की चीजों को जोड़कर यह साइकल बनाया गया है जिसमें दो बैटरी है। इसमें नया तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। मैकेनिकल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ने बताया नीरज शर्मा ने सोलर साइकिल की सबसे खास बात है कचरा का उपयोग किया गया है। दो सोलर और दौ बैटरी के साथ एक लाइट और विंड फैन का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें से लोगों को राहत दिलाने के उद्देश्य से साइकिल बनाया गया है। यह पर्यावरण के अनुकूल है और सुदूर गांव के लिये काफी उपयोगी है। सोलर प्लेट के कारण चालक को धूप में थोड़ी राहत मिल सकती है। अभी भी प्रोजेक्ट पर छात्र काम कर रहे है। डिजाइनिंग और क्षमता को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।
छात्रों ने बताया कि उनलोगों से कोई अगर साइकिल बनवाना चाहे तो साइकिल बना देंगे। मैकेनिकल विभाग के छात्रों का यह प्रोजेक्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पहले सस्ता कार और दिव्यांजनों के लिये ऑटोमैटेड ट्राइ साइकिल बनाकर दुमका इंजीनिरिंग कॉलेज चर्चा में आ चुका है। सोलर साइकिल बनाने पर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डा गणेश शंकर, डा रतन कुमार बोस, अभिषेक मुखर्जी और राजीव कुमार ने छात्रों को शुभकामनाएं दी है।
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