देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी ने इक्कीस तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किये थे और तब से ये परंपरा चली आ रही है 26 जनवरी को सम्पूर्ण देश महापर्व के रूप में मनाती है । भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बन कर तैयार हो गया ओर इसे ग्रहण कर लिया गया पर 26 जनवरी 1950 को इसे आत्मसात किया गया । इसे भारत का राष्ट्रीय त्यौहार भी कहा जाता है ओर इस त्योहार का समापन बीटिंग रिट्रीट के साथ 29 जनवरी को होता है ।
भारत को गणतंत्र घोषित करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन क्यों
लाहौर अधिवेशन में 28 दिसंबर 1929 में जवाहर लाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की मांग की,और 26 जनवरी 1930 को रावी नदी के किनारे पंडित नेहरू ने प्रथम बार झंडा फहराए थे। ओर इस तारीख को याद रखा जाए इसलिए 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया
इस बार के गणतंत्र दिवस के समापन में गांधी जी का प्यारा धुन एबाइड विथ मि नही बजाने का प्रस्ताव है
महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में से एक ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’को इस साल बीटिंग द रिट्रीट समारोह से हटा दिया गया है. इस धुन को 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के समापन पर गांधी की पुण्यतिथि की पूर्वसंध्या पर मिलिट्री बैंड द्वारा बजाया जाता है.
बता दें कि इस साल बीटिंग द रिट्रीट समारोह में बजाई जाने वाली 26 धुनों की आधिकारिक सूची में ‘एबाइड विद मी’ का उल्लेख नहीं है.
यह धुन साल 1950 से लगातार बीटिंग द रिट्रीट का हिस्सा रही है लेकिन इसे 2020 में हटा दिया गया था. भारी विरोध के बाद फिर से शामिल किया गया था । ‘एबाइड विद मी’ को 19वीं शताब्दी में स्कॉटलैंड के एंग्लिकन हेनरी फ्रांसिस लाइट ने लिखा था और इसकी धुन विलियम हेनरी मोंक ने तैयार की थी.
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