जाना हुआ मुश्किल डब्ल्यूपीडीसीएल बताओ अब क्या करें?
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- Jul 11
- 2 min read

गोपीकांदर के कुश्चिरा गांव से दुमका तक स्टेट हाइवे की हालत हुई बदतर
गोपीकांदर। जाना हुआ मुश्किल बताओ अब क्या करे? बिल्कुल सही पढ़ा हैं आपने। कुश्चिरा गांव से दुमका तक स्टेट हाइवे की ऐसी बदतर हालात हो चुकी है कि अब आमलोग यही पूछ रहे हैं कि दुमका जाना हुआ मुश्किल डब्ल्यूपीडीसीएल बताओ अब क्या करें? बरसात में कीचड़ तो धूप के दिनों में कोयले के डस्ट से राहगीरों की स्तिथि दिन-ब-दिन और बदत्तर होती जा रही है। प्रदुषण कम होने के बजाये बढ़ते जा रहे हैं। बरसात शुरू हो चुकी हैं और इस बरसात में बाइक चालक दुमका कैसे पहुँचते है इसका अंदाजा शायद ही कोई लगा सकता है। बाइक सवार घर से तो हीरो बनकर निकलते हैं लेकिन सड़क पर उतरते ही हाइवा वाहनों से कोयला डस्ट से सने कीचड़ बाइक पर लगती है बल्कि बाइक सवार के कपड़े सहित पूरा शरीर कीचड़मय हो जाता है। इसका अंदाजा वही लगा सकते है जो व्यक्ति बाइक लेकर किसी भी काम से स्टेट हाइवे पर आना पड़ता है। सड़क पर बने गड्डों में पानी भर जाने के कारण दुर्घटना की सम्भावना ओर बढ़ गई है। सड़क पर एक नहीं सैकड़ों गड्ढे है। छोटा नहीं बड़े बड़े गड्ढे बन आये हैं। कोयला ढुलाई में लगे हाइवा वाहनों की रफ्तार के सामने रंग-बिरंगे कपड़े को भी काला कर दें।

प्रदूषण के अलावे सड़क पर चलना हुआ मुश्किल
कोयला ढुलाई में लगे वाहनों के परिचालन से सिर्फ प्रदूषण ही नहीं बढ़ा बल्कि सड़क की दुर्दशा हो गई है। कुश्चिरा से दुमका लोग एक घण्टे में तय करते थे लेकिन ताजा हालात है कि भगवान की कृपा रहेगी तभी जाकर आप दुमका पहुंच सकते हैं। दुर्घटनाओं में इजाफा और सड़क पर बने सैकड़ों गड्ढे और दुर्घटनाओं के बाद अनिश्चित समय के लिए जाम समय पर दुमका पहुंचने नहीं देता है। दुमका जाने के लिए राहगीर जैसे ही कुश्चिरा के पास स्टेट हाइवे पर चढ़ते हैं उन्हें दुर्घटना का डर सताने लगते हैं।










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