1 सितम्बर से बदल जायेगा शराब बिक्री का पूरा सिस्टम
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- 2 days ago
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पहले से महंगी हो जायेगी शराब और बीयर की बातलें
दुमका। झारखण्ड में 1 सितम्बर से शराब की बिक्री का पूरा सिस्टम बदल जायेगा। अब इसकी बिक्री पूरी तरह से निजी हाथों में होगी। नई व्यवस्था से शराब के शैकीनों के जेब पर बोझ पड़नेवाली है। दरअसल उत्पाद विभाग ने नई उत्पाद नीति 2005 को लागु कर दिया है। इसके साथ ही शराब और बीसर के दामों में बढ़ोत्तरी कर दी गयी है। इसका सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो सस्ती ब्राण्ड की शराब और बीयर पीते हैं। राज्य में ऐसे शौकीनों की संख्या सबसे ज्यादा है इसलिए सरकार ने कम कीमत और अधिक बिक्री वाले ब्राण्डों के दाम बढ़ा दिये हैं। 1 सितम्बर को आनेवाली शराब की नई खेप के लिए दुकानों को रंग रोगन कर तैयार किया जा रहा है।

सरकार ने वैट घटाया पर कई तरह के टैक्स लगाये
पहले 650 एमएल की बीयर की कीमत 180 रुपये थी। अब यही बीयर 200 रुपये में मिलेगी। ब्लेण्डर्स प्राईड की 750 एमएल की बोतल पहले 1050 रुपये में मिलती थी जिसे बढ़ा कर 1200 रुपये कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि शराब की बिक्री में पारदर्शिता लाने और राजस्व बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया। शराब पर सरकार ने वैट तो घटा दिया है पर कई तरह के टैक्स लगा दिये हैं जिससे कीमतें बढ़ जायेगी। हलांकि पूर्व में शराब दुकानों में एमआरपी से ज्यादा दाम पर शराब बेची जाती थी जिस कारण लोग पहले भी शराब और बीयर का अधिक मूल्य चुकाते थे जिस कारण नई व्यवस्था से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा पर यदि फिर से एमआरपी से ज्यादा दाम पर शराब बेचने का धंध शुरू होता है तो ग्राहकों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी।

बोतलों पर होगी पुरानी एमआरपी, दाम नया, होगी किचकिच
पिछले तीन सालों से सरकार शराब बेच रही थी। दुमका में शराब का डिपो बंद कर दिया गया था और देवघर से माल आता था। अब भी दुमका में शराब डिपो का टेंडर नहीं हो पाया है लिहाजा दुमका में शराब की आपूर्ति देवघर के ही डीपो से की जायेगी। दुमका के शराब दुकानों के लिए 1 सितम्बर को शराब की जो खेप भेजी जायेगी उसपर पुराना एमआरपी ही अंकित होगा पर उसका मूल्य नई शराब नीति के मुताबिक लिया जायेगा यानि एमआरपी से अधिक मूल्य लिया जायेगा। ऐसे में शराब दुकानों में ग्राहकों और दुकान के स्टॉफ व मालिक से किचकिच होना तय है। बताया जा रहा है कि नये एमआरपी वाले शराब की खेप आने में 15 दिन से एक माह तक का समय लगेगा।

70 में से 15 से अधिक दुकानें दुमका शहर व आसपास में
1 सितम्बर से शराब दुकानों की संख्या 82 से घटकर 70 हो जायेगी। इसमें सबसे अधिक शराब दुकानें दुमका शहर और इससे सटे पंचायतों में खोली जायेगी। दुमका नगर परिषद क्षेत्र में 8 दुकानों के अलावा गांधी मैदान, सिन्धी चौक, दुधानी चौक, मसलिया मोड़, रसिकपुर, लखीकुण्डी और बेहराबांक कुरूवा आदि स्थानों पर शराब की दुकानें होगी। शहर के शिवपहाड़ समेत कई इलाकों में पूरानी दुकानें बंद हो जायेगी और दूसरे परिसर में नई दुकानें खुलेंगी। दरअसल इस बार दुमका के शराब व्यवसाय में आधा दर्जन संे अधिक नये खिलाड़ी भी आये हैं हलांकि वर्चस्व तो पुराने कारोबारी का ही कायम है।
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