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सावन के अंतिम सोमवार को बासुकीनाथ ने उमड़ा आस्था का शैलाब



दुमका. श्रावण माह के चौथे और अंतिम सोमवारी को बासुकीनाथ में भी कांवरियों के भीड़ देखी गयी. सोमवार के देर रात तक यहां 1.36 लाख से अधिक कांवरिया पहुंच चुके थे. दुमका के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला रविवार की रात से मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खुद से लगये हुए थे. सुबह के दो बजे मंदिर का कपाट खोल कर साफ-सफाई व पुरोहित पूजन के उपरांत सुबह 2.45 से अरघा के माध्यम से आम श्रद्धालुओं के द्वारा पूजन प्रारंभ हुआ. भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में कांवरियों की तीन कतार लगवायी गयी. उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, एसडीओ महेश्वर महतो, डीडीसी कर्ण सत्यार्थी, डीएसपी विजय कुमार, शिवेंदु, थाना प्रभारी दयानंद साह, मंदिर प्रभारी आशुतोष ओझा, जरमुंडी बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू, सीओ राजकुमार प्रसाद लगातार विधि व्यवस्था पर निगरानी रखे हुए थे. सोमवार की देर शाम तक 74 हजार कांवरियों ने कतार व्यवस्था के तहत शिवगंगा, क्यू काम्प्लेक्स और संस्कार मंडप के रास्ते हाथी द्वार से मंदिर परिसर में प्रवेश कर अरघा व्यवस्था के माध्यम से जलापर्ण किया जबकि लगभग 60 हजार कांवरियों ने भीड़ के कारण जलापर्ण काउंटरों में ही जल अर्पित कर दिया जबकि 2397 वीआईपी श्रद्धालुओं ने रसीद कटवा कर शीघ्र दर्शनम सुविधा का लाभ उठाया और प्राथमिकता के आधार पर अरघा व्यवस्था के तहत जलापर्ण किया.

2940 डाक कांवरियों भी बाबा बासुकिनाथ को किया जलापर्ण

बासुकिनाथ पहुंचनेवाले डाकबमों की संख्या में पिछले सोमवार की तुलना में कम देखी गयी। चौथे एवं अंतिम सोमवार को 2940 डाक कांवरिया भागलपुर के बरारी घाट से जल उठाकर हंसडीहा और नोनीहाट के रास्ते बासुकीनाथ पहुंचें. हंसडीहा में जारी किये गये टोकन के आधार पर उन्हें निकास द्वार से प्रवेश करवा कर प्राथमिकता के आधार पर जलापर्ण का मौका दिया गया. हंसडीहा से लेकर बासुकिनाथ तक हजारों लोग जगह-जगह डाक कांवरियों की सेवा में जुटे हुए थे.

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