स्पॉनसरशिप स्कीम: प्रत्येक माह बच्चे को मिलेगा 4000 रुपये
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- Jun 28
- 2 min read

जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यालय में अभिभावक दें आवेदन
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दुमका। अनाथ/एकल अभिभावक अथवा कठिन परिस्थितियों में जैविक/विस्तारित परिवार के साथ जीवन व्यतित करने वाले बच्चों को Sponsorship Scheme से आच्छादित करने के संबंध में उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिया है।
उपायुक्त ने कहा कि अनाथ/एकल अभिभावक अथवा कठिन परिस्थितियों में जैविक/विस्तारित परिवार के साथ जीवन व्यतित करने वाले बच्चों को संस्थान में रखने के बजाय उनके परिवारों और समुदायों के साथ रखकर उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं अन्य विकासात्मक आवश्यकताओं से संबंधित खर्चों को पूरा करने के उद्देश्य से मिशन वात्सल्य के तहत् Sponsorship Scheme प्रारंभ किया गया है।
Sponsorship Scheme के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए अपने-अपने प्रखंड में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय, ताकि कठिन परिस्थिति में जीवन व्यतित करने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण जीवन स्तर प्रदान करने हेतु इच्छुक व्यक्ति एवं संगठन निजी प्रायोजन (Private Sponsorship) के निमित्त पहल कर सकें।
Sponsorship Scheme के अंतर्गत पात्रता वाले बच्चों की श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
■ जहाँ माता विधवा हो, तलाकशुदा हो या परिवार द्वारा त्याग दी गई हो।
■ जहाँ बच्चे अनाथ हों और विस्तारित परिवार के साथ रह रहे हों।
■ जहाँ माता-पिता जीवन को खतरे में डालने वाली / असाध्य बीमारी के शिकार हों।
■ जहाँ माता-पिता अक्षम हों या बच्चों की आर्थिक और शारीरिक रूप से देखभाल करने में असमर्थ हों।
■ जेजे अधिनियम, 2015 के अनुसार देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे, जैसे कि:
● जिनके पास रहने का घर नहीं है,
● जो किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार हैं,
● जो बाल श्रम में लिप्त हैं,
● जो बाल विवाह के शिकार हैं,
● जो तस्करी (trafficking) का शिकार हुए हैं,
● जो HIV/AIDS से प्रभावित हैं,
● जो दिव्यांग हैं,
● जो लापता हैं या घर से भाग गए हैं,
● जो भिक्षावृत्ति कर रहे हैं या सड़क पर रह रहे हैं,
● जो प्रताड़ना, शोषण या दुर्व्यवहार का शिकार हैं — ऐसे बच्चे जिन्हें सहायता और पुनर्वास की आवश्यकता है।
■ पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के अंतर्गत शामिल बच्चे।
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