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विश्व पर्यावरण दिवस पर पढ़िये क्या कहते हैं दुमका के प्रबुद्ध नागरिक


दुमका। हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा पर्यावरण जैसे वायु, जल, मिट्टी, वृक्ष, जीव-जंतु हमारे जीवन के लिए कितना आवश्यक है। इसका उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें प्रकृति की रक्षा के लिए प्रेरित करना है। विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी, और पहली बार यह 1974 में मनाया गया। हर साल एक विशेष देश इसकी मेजबानी करता है और एक विशिष्ट विषय तय किया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं पर विचार-विमर्श, समाधान और जनसहभागिता के लिए एक प्रमुख मंच बन गया है। वर्ष 2025 का थीम है “प्लास्टिक प्रदूषण का अंत”। इस अवसर पर हमने समाज के प्रबुद्ध नागरिकों से बात की तो उन्होंने इस बारे में अपने विचार साझा किये।


आज नहीं चेते, तो बहुत देर हो जाएगी: -डॉ लुईस मरांडी


‘‘हमारे पूर्वजों ने जैसा पर्यावरण हमें दिया था कम से कम हम अपने आने वाले पीढ़ी को वैसा पर्यावरण सौपें। विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिवस नहीं, यह एक आह्वान है। प्रकृति के प्रति जागरूकता और कर्तव्य का। अगर हम आज नहीं चेते, तो कल बहुत देर हो जाएगी। आइए हम सब मिलकर संकल्प लें कि हम प्रकृति का सम्मान करें, और एक हरित, स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं। -डॉ लुईस मरांडी, जामा विधायक।


पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन शैली में शामिल करें: ठाकुर श्याम सुन्दर सिंह


‘‘विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिन मनाने वाला कार्यक्रम नहीं होना चाहिए बल्कि हमें पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन शैली में शामिल करना चाहिए। हर छोटा-छोटा कोशिश करना चाहिए जिससे पर्यावरण स्वच्छ रहे। मैंने इसकी शुरुआत कर दी है। अभी हाल ही में मेरी माता का मृत्यु हुई है और 13वी तक मैंने हर दिन एक पीपल का पेड़ लगाया। सभी लोग पेड़ लगाएं। मेरी कोशिश रहेगी अपनी माता के प्रत्येक पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण करूं।’’- ठाकुर श्याम सुंदर सिंह, समाजसेवी, दुमका

सभी को समझना होगा पर्यावरण संरक्षण का महत्व: डा तुषार


‘‘सरकारें चाहे जितनी भी कोशिश कर लें लेकिन अगर लोग अपने स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए कदम नहीं उठाएंगे तो पर्यावरण संरक्षण नहीं हो पाएगा। सरकार कूड़ा हटा सकती है लेकिन कूड़ा फैलाने वाले जबतक नहीं रुकेंगे तबतक कूड़े का ढेर लगता रहेगा। पानी की खपत, बिजली का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल, प्लास्टिक का इस्तेमाल, पेड़ों की कटाई और प्रदूषण पर्यावरण को क्षति पहुंचाते हैं। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों तक को पर्यावरण संरक्षण का महत्व पता होना जरूरी है जिससे धरती को साफ रखा जा सके, सुरक्षित रखा जा सके।- डॉ0 तुषार ज्योति

 
 
 

1 commentaire


nawinct123
06 juin

रो रो कहती धरती माता सुन लो मेरी पुकार,,

हर आंगन में वृक्ष लगा कर ,कर दो मेरा श्रृंगार ।।


विश्व पर्यावरण दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

नवीन चंद्र ठाकुर

शैली सृजन एक्टिंग ट्रेनिंग सेंटर, दुमका

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