6 पीढ़ियों के बाद सिधो-कान्हू के वंशज को अन्याय के खिलाफ सड़क पर उतरना पड़ा- बाबूलाल
- SANTHAL PARGANA KHABAR
- Jun 30
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झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मराण्डी ने भोगनाडीह में हूल दिवस पर ग्रामीणों पर हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग की घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है और इसने अंग्रेजी हुकूमत के दौर की यादें ताजा कर दी हैं। मराण्डी ने सिदो-कान्हू के वंशजों और ग्रामीणों पर हुए इस अत्याचार को सरकार और प्रशासन की गुंडागर्दी बताया है।
उन्होंने कहा कि हूल क्रांति की भूमि पर 6 पीढ़ियों के बाद एक बार फिर सिदो-कान्हू के वंशजों को अन्याय के खिलाफ सड़क पर उतरना पड़ा है। मराण्डी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आदिवासी समाज को उनके पुरखों की वीरगाथाओं से प्रेरणा लेने से रोकना चाहती है और यह घटना आने वाले समय में हेमंत सोरेन सरकार के पतन का कारण बनेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और प्रशासन ने ग्रामीणों पर बेवजह लाठियां बरसाईं, जबकि गांव और परिवार के लोगों का पहला हक पूजा करने का था।
मरांडी ने इस घटना पर अपनी सोशल मीडिया प्रतिक्रिया में क्या कहा
बाबूलाल मरांडी ने हूल दिवस पर भोगनाडीह में ग्रामीणों पर हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग की घटना पर अपनी सोशल मीडिया प्रतिक्रिया में कहा:
“घुसपैठियों की गोद में बैठी राज्य सरकार नहीं चाहती कि झारखंड का आदिवासी समाज अपने पुरखों की वीरगाथाओं और बलिदानों से प्रेरित होकर अपनी अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित हो।”
उन्होंने आगे लिखा:

“हूल दिवस के पावन अवसर पर भोगनाडीह में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग की घटना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बर्बर कार्रवाई में कई ग्रामीणों के घायल होने की सूचना मिली है। मैंने साहिबगंज एसपी से बात कर पूरी घटना की जानकारी ली है। आज की यह बर्बरता ने अंग्रेजी हुकूमत के दौर की यादें ताजा कर दी हैं। हूल क्रांति की भूमि पर, छह पीढ़ियों के बाद एक बार फिर सिदो-कान्हू के वंशजों को अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध सड़क पर उतरना पड़ा है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह घटना हेमंत सोरेन सरकार के पतन का कारण बनेगी।

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